Why this fort is called Bachelor fort? क्यों इस किले को कुंवारा किला कहा जाता है

By Parmar DN

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आज हम बात करेंगे अलवर के उस किले की जिसे बाबा किला या फिर कुंवारा किला कहा जाता है। इस किले के नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।

राजस्थान के यहां कई पहलू अभी तक अनछुए हैं। कई जगह ऐसी हैं जिन्हें आसपास के लोगों के अलावा कोई नहीं जानता। आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आपने बहुत कम ही सुना होगा और उसके बारे में बहुत ही कम जानते होंगे।

आज हम बात करेंगे अलवर जिले के कुंवारा किले की| कुंवारे नाम के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। बाबा किला शहर से 6 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित है। जय पोल, लक्ष्मण पोल, सूरजपोल, चांदपोल, अंधेरी द्वार और कृष्ण द्वार से बाला किला तक पहुंचा जा सकता है। किला पर्यटकों के लिए सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।

बाबा किला से शहर का भव्य रूप नजर आता है। समुद्र तल से उचाई उन्नीस सौ साठ फुट है। यह आठ किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ किला है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खासतौर से इसे तैयार किया गया था। कायमखानी शैली में बना हुआ यह किला बेहद सुंदर लगता है।

दुश्मन पर बंदूक चलाने के लिए किले की दीवारों में करीब पांच सौ छिद्र हैं जिनमें से दस फुट की बंदूक से भी गोली चलाई जा सकती है। दुश्मन पर नजर रखने के लिए 15 बड़े, 51 छोटे बुर्ज और 3,359 कंगूरे हैं। इस किले पर निकुंभ खान जादा, मुगलों, मराठों ,जाटों, राजपूतों का शासन रहा। इस किले पर कभी युद्ध नहीं होने के कारण से कुंवारा किला कहा जाता है।

वर्तमान में यह पर्यटक स्थल के लिए काफी विकसित हो चुका है। इस किले का निर्माण पन्द्रह सौ पचास में हसन खां मेवाती ने कराया था। यह किला अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। अंदर से विभिन्न भागों में बांटा हुआ है। एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के लिए कई तरफ से सीढ़ियां हैं। किले के जिस कमरे में जहांगीर ठहरा था उसे सलीम महल के नाम से जाना जाता है।

इस किले में एक दिन बाबर ने भी बिताया था। किले में बने हैं कई मंदिर। बाला किला क्षेत्र में कुम्भ निकुंभ की कुलदेवी करणी माता मंदिर, तोप वाले हनुमानजी, चक्रधारी हनुमान मंदिर, सीता राम मंदिर सहित अन्य मंदिर जै आश्रम, सलीम सागर, सलीम बारादरी स्थित है। मंगलवार शनिवार को मंदिर जाने वाले श्रद्धालु के लिए प्रवेश नि:शुल्क है। सरिस्का क्षेत्र में आने के कारण वन विभाग की ओर से दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए शुल्क निर्धारित है।

जबकि बाला किला में प्रवेश निशुल्क है। अगर आप भी ऐतिहासिक जगहों पर घूमने के शौकीन हैं तो आपको यह किला जरूर देखना चाहिए। 

Parmar DN

DN Parmar is a dedicated blogger and the mind behind NewzVale.com, delivering insightful and trending content. With a passion for storytelling and research, DN covers news, tech, business, and lifestyle topics, keeping readers informed and engaged. Stay tuned for fresh perspectives and valuable insights!

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